Month: August 2024

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भारत की प्रमुख संधियाँ एवं समझौते

लेखक: सत्याधी शर्मा क्लासेस द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में संधियों और समझौतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। ये संधियाँ और समझौते न केवल देशों के बीच संघर्षों को समाप्त करने का एक साधन हैं, बल्कि उनके बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी आवश्यक हैं। भारत, जो एक उभरता हुआ शक्ति है, ने भी समय-समय पर विभिन्न देशों के साथ महत्वपूर्ण संधियाँ और समझौते किए हैं। आइए, भारत की प्रमुख संधियों और समझौतों का विस्तृत विवरण जानते हैं। भारत-पाकिस्तान भारत और पाकिस्तान के संबंध हमेशा से ही जटिल रहे हैं। विभाजन के बाद से ही इन दोनों देशों के बीच कई विवाद उत्पन्न हुए, जिनमें से कई आज भी सुलझे नहीं हैं। फिर भी, दोनों देशों ने कुछ महत्वपूर्ण संधियाँ और समझौते किए हैं, जो शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों में महत्वपूर्ण रहे हैं। सिंधु जल संधि […]

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नई दिल्ली में एमपॉक्स: केंद्र सरकार की नई सतर्कता और जानकारी

केंद्र सरकार ने हवाई अड्डों, बंदरगाहों और बांग्लादेश तथा पाकिस्तान की सीमाओं पर अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। यह चेतावनी विशेष रूप से उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संदर्भ में है जिनमें मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। एमपॉक्स तेजी से फैल रहा है और इसका प्रसार अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है। एमपॉक्स क्या होता है? एमपॉक्स, जिसे मंकीपॉक्स भी कहा जाता है, एक वायरल रोग है जो पॉक्सवायरस परिवार से संबंधित है। यह बीमारी आमतौर पर जंगली जानवरों से इंसानों में फैलती है और इसके लक्षणों में त्वचा पर दाने और बुखार शामिल होते हैं। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है। एमपॉक्स की पहचान 1958 में बंदरों में हुई थी, और इसका पहला मानव मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में रिपोर्ट किया गया था। इस बीमारी की विशेषताएँ इसके फैलने […]

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सत्याधी शर्मा क्लासेस : शुन्य से शिखर तक

सत्याधी शर्मा क्लासेस का नाम सुनते ही उस दृढ़ संकल्प और समर्पण की याद आ जाती है जो एक छात्र को सफलता की ओर बढ़ने के लिए चाहिए। जैसे एक ओलंपियन स्वर्ण पदक पाने के लिए वर्षों तक कठिन परिश्रम करता है, वैसे ही एक छात्र अपने लक्ष्यों को पाने के लिए संघर्ष करता है। सत्याधी शर्मा क्लासेस इस यात्रा को आसान और प्रभावी बनाने के लिए पूरी तरह से समर्पित है, ताकि हर छात्र अपने लक्ष्य तक पहुँच सके। सत्याधी शर्मा क्लासेस में, हम मानते हैं कि शिक्षा केवल एक साधन नहीं, बल्कि एक उद्देश्य है। जैसे ओलंपिक का लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना होता है, वैसे ही हम अपने छात्रों को उच्चतम शैक्षणिक और व्यावसायिक सफलता दिलाने का लक्ष्य रखते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हमारे दशकों के अनुभव ने हमें यह सिखाया है कि हर छात्र अद्वितीय है और उसे उसकी गति और समझ के अनुसार मार्गदर्शन की […]

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सत्याधी शर्मा क्लासेस अगस्त उत्सव : 2024

सत्याधी शर्मा क्लासेस में अगस्त महोत्सव का धमाल! सत्याधी शर्मा क्लासेस हर साल अगस्त महोत्सव को बड़े उत्साह के साथ मनाता है और इस साल हम लेकर आए हैं एक खास ऑफर—5 अगस्त से 31 अगस्त तक सभी ऑनलाइन कोर्सेज पर 90% + 10% छूट! विशेष छूट अवधि 27 अगस्त से 31 अगस्त तक रहेगी, जिसमें आप सभी कोर्सेज पर यह शानदार छूट प्राप्त कर सकते हैं। आदिवासी दिवस (5 अगस्त से 9 अगस्त) आदिवासी दिवस के इस विशेष अवसर पर, सत्याधी शर्मा क्लासेस आपके लिए लेकर आया है एक शानदार ऑफर। 5 अगस्त से 9 अगस्त तक, शिक्षक पात्रता एवं चयन परीक्षा वर्ग-1 पर 90% + 10% छूट का लाभ उठाएं। यह छूट आपके अध्ययन की यात्रा को और भी आसान और किफायती बना देगी। ऑफर का लाभ कैसे उठाएँ: मोबाइल ऐप डाउनलोड करें: हमारे मोबाइल ऐप को Play Store से डाउनलोड करें। कोर्स का चयन करें: आपके पसंदीदा ऑनलाइन कोर्सेज […]

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महिलाओं के खिलाफ हिंसा: क्या बदलेगी यह तस्वीर?

‘निर्भया कांड’ ने भारत के सामाजिक और न्यायिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि इस घटना ने न केवल देश में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गहरा सवाल उठाया, बल्कि यह भी दिखाया कि हमारी समाजिक संरचना में कितनी गहरी समस्याएं व्याप्त हैं। इस कांड ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा की विभीषिका को उजागर किया, जिसमें न केवल महिलाओं के साथ किए जाने वाले शारीरिक और मानसिक अत्याचार शामिल हैं, बल्कि उनकी गरिमा और अधिकारों को भी लगातार कुचला जाता है। यह घटना केवल एक नृशंस अपराध का उदाहरण नहीं थी, बल्कि यह हमारी न्याय व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और समाज के रवैये पर भी सवाल खड़े करती है। निर्भया कांड ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि क्यों महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं इतनी आम हो गई हैं, और क्यों हम एक समाज के रूप में इन घटनाओं को रोकने में असमर्थ हैं। रोजमर्रा […]

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