असत्य पर सत्य की विजय का पर्व
भारत की संस्कृति बताती है कि असत्य की एक न एक दिन पराजय सत्य के हाथों ही होती है। दशहरा हमें यही याद दिलाता है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इस दिन शस्त्र-पूजा की जाती है। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। रामलीला का समापन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा शब्द हिंदी के दो शब्दों दस और हारा से मिलकर बना है। दस गणित के अंक दस (10) और हारा शब्द पराजित का सूचक है। इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो दशहरा बनता है जो उस दिन का प्रतीक है जब दस सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था। भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक व शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट […]