केदारनाथ सिंह : बिम्ब विधान के कवि
भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ से सम्मानित कवि केदारनाथ सिंह आधुनिक हिंदी कविता में बिम्ब के कवि के रूप में जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में 7 जुलाई, 1934 को पैदा हुए केदारनाथ सिंह पेशे से एक शिक्षक थे। उनके बारे में उनसे पढ़े हुए विद्यार्थी बताते हैं कि वे जितने अच्छे कवि हैं, कक्षा में उतने ही श्रेष्ठ शिक्षक भी रहे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद कुछ समय उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ही अध्यापन कार्य किया। अंत में वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बतौर आचार्य और अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे और सेवानिवृत्त हुए। केदारनाथ सिंह, अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरे सप्तक जिसका प्रकाशन 1959 ई में हुआ, से प्रकाश में आते हैं और उसके बाद उनका रचनात्मक और उर्वर धरातल हिंदी कविता के सौंदर्य में अभिवृद्धि करता चलता है। ‘अभी बिलकुल अभी’ उनका पहला काव्य संग्रह भी 1960 ई में […]